नमस्कार मित्रो ,
आज बड़े ही खुसी के साथ यह ब्लॉग आप के सामने लेकर प्रस्तुत हुआ हु। आज बड़ा गर्व हो रहा है और यह बात भी गर्व लेने जैसी है की हम हिन्दू थे है और रहेंगे। आज भले ही मोर्डर्न इंडिया की बाते होती हो या फिर मेक इन इंडिया का एक नया अभियान शुरू होआ हो। आज़ादी के इतने सालों बाद भी देश को एक डेवलपिंग कंट्री ही है । किन्तु आपको ज्ञात है की हमारा यह भारत पहले सिर्फ भारत नहीं परन्तु महाभारत या भरतो का देश ऐसा कहा जाता था। भारत ऐसी महत्वपूर्ण विशेष्ताओँ से परिपूर्ण था की वह अपने आप में विश्वगुरु था। ऐसा क्या था इस देश में जो पूरी दुनिआ का ध्यान और उनकी नजर सिर्फ हमारे देश यानि हिंदुस्तान , भारत के ऊपर
थी। फिर चाहे वह अंग्रेज़ हो , पोर्तुगीस हो, जर्मन्स हो, या फिर यवन हो। इन सब ने कही कहिनकहि हमारे देश में कुछ तो देखा होगा जो यहाँ उन्हें हमारे देश में खींच लाया। भारत के इस सुवर्ण इतिहास के बारे में बहोत कुछ लिखा गया है, समजा गया है , बहोत से लोगोने संसोधन भी किया है लेकिन आज भी वह वह चीज अधूरी प्रतीत होती है क्योंकि आज भी हम हिंदुस्तानी अपने इतिहास के बारे में बहोत कम जानते है। ऐसी बहोत सी चीजें है जो भारत मै आए इस यवनो , अंग्रेजों और हमारे देश मै हुए इन आक्रमण मै और इस पश्चिमी एवं यवनी संस्कृती के दुष्प्रभाव के चलते इन्हे अंग्रेजो और यवनो द्वारा कुचल दिए गया या फिर अपने खरे और सटिक रूप में हमारे सामने प्रसतुत नहीं हुआ और नाही कराया गया। आज जो इतिहास हमे पढ़ाया गया है और पढ़ाया जाता है उन सब मै कुछ ना कुछ कमी जरूर है। आज हमे यही जानने की आवश्यकता है अपने देश अपने उस सुवर्ण इतिहास एवं अपने वह सुवर्ण अतीत के बारे में। आज इसी प्रस्तावना के साथ यह ब्लॉग मेरे पाठकों को समर्पित और लोकार्पण करने जा रहा हु। मुझे तहेदिल से आशा है आप को भी यह रोचक बातें पढ़ने और समझने मै बड़ा ही आनंद होगा। धीरे धीरे मै आपके सामने कुछ अनदेखी बातो एवं प्रसंगो को प्रस्तुत करूंगा जो हमे भारतीय होने का गर्व दिलाएगा ।
आज के दिन हमारे भारत का जो मूल है , जिसने इस भारतीय संस्कृति की नींव डाली है जो हमारे आदर्श है ,हमारी धरोहर है वही हमारे वेद , पुराण , श्रुति एवं स्मृति ग्रंथो और ऐसे महान ग्रंथो जिसकी आज के भारतीयों को ख़ास ज़रूरत है। क्योंकि बहोत से मामलों मै ये जाना गया है की आज के हिन्दुओ अपने वेद पुराण को पढ़ने पढ़ाने की बात तो दूर रही , उन्हें इन पुराणों और वेदो के नाम तक पता नहीं होता। इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है। उसी वजह से आज हम अपने सुवर्ण इतिहास एवं मूल्यों को भूल गए है।
इसलिए आज के इस महान कार्य आप यह पढ़कर इस सेवाकार्य में अपना यथा शक्ति योगदान दे। और इंटरनेट का फेसबुक, व्हाट्सएप्प और सामाजिक मिडिया का भी सही उपयोग कर अपने जीवन में वह आनंद की फुहार लाये। भारतीय वैदिक संस्कृति के चार महान वेद
१ ऋग्वेद
२ सामवेद
३ यजुर्वेद
४ अथर्ववेद
और अठारह पुराण है
१ ब्रह्मपुराण
२ पद्मपुराण
३ विष्णुपुराण
४ शिवपुराण
५ भागवतपुराण
६ नारदपुराण
७ मार्कण्डेयपुराण
८ अग्निपुराण
९ भविष्यपुराण
१० ब्रह्मवैवत्रपुराण
११ वराहपुराण
१२ लिंगपुराण
१३ स्कंदपुराण
१४ वामनपुराण
१५ कूर्मपुराण
१६ मत्स्यपुराण
१७ गरुड़पुराण
१८ ब्रह्मांडपुराण
आज इस आध्यात्मिक यात्रा का प्रारम्भ है। और भी रोचक बातें अभी करनी बाकि है। हमारे धर्म और संस्कृति पूरी तरह से वैज्ञानिक दृश्टिकोण से परिपूर्ण है। और जो भी हमारे हमारे वेदो पुराणों मै जताया गया है वह सब विज्ञान से जुड़ा था और जुड़ा हुआ है। आज के वैज्ञानिक उसी वेदो पुराणों और हमारे धार्मिक ग्रंथो के आधार पर
ही आज की खोजे एवं संसोधन करते आये है। इससे जुडी हर बातो को वैज्ञानिक परिमाणों एवं तथ्यों के साथ आपके सामने प्रस्तुत हूँगा। अपने दोस्त को विदा कीजिये। धन्यवाद।
Awesome facts bhai ..... With scientific elements....that blew me away.... Waiting for some more stuff... keep it up !!!
ReplyDeletethanks bro.. i want to make it more exciting and authentic ..
Delete