Friday 11 August 2017

The Copper - Most adorable and Widely Used Metal in Hindus Worships and Rituals-1

नमस्कार मित्रों। 
जय श्री कृष्णा। हर हर महादेव। 

दोस्तों आप से यह बात शेयर करके मुझे बड़ा ही गर्व होता है।  आनंद की अनुभूति होती है जब में आपसे एक भारतीय और हिन्दू होने की कई ऐसी बातों को आपके समक्ष लाकर प्रस्तुत करता हु। हमारी हर एक चीज आज विज्ञान को भी मात दे रही है। 

दोस्तों आज आपको में एक ऐसी धातु के बारे में बताने जा रहा हु। जिसकी जड़े हमारी भारतीय परंपरा से हमारी हिन्दू संस्कृति से अनादि समय से जुडी है। और वह है ताम्बा (कॉपर ) , सदियों से हम ताम्बा का उपयोग करते आये है। हमारी हिन्दू संस्कृति की पहचान बनकर उभरी है यह ताम्बा धातु। 

पौराणिक समय से ही हमारे देश में ताम्बा का उपयोग बड़े तौर पर हो रहा है। पौराणिक समय से ही ताम्बा का उपयोग घरेलु बरतन , औजार और खेती के औजार बनाने में भी यह ताम्बा का उपयोग किया जाता था। ताम्बा (कॉपर) न केवल घरेलु उपयोग के लिए बल्कि वह हमारे धार्मिक परंपरा से भी अकबंध जुड़ा हुआ है। ताम्बा का उपयोग हमारे धार्मिक विधि -विधानों , यज्ञ , पूजा इन सब में किया गया है। वास्तुकला में भी कॉपर का बड़ा योगदान रहा है। 
SOURCE : GOOGLE SEARCH

ताम्र (कॉपर ) प्राचीन आयुर्वेद में भी उपयोग में लिया गया है। ताम्र(कॉपर ) का उपयोग उसकी भष्म बनाकर रोगों के इलाज के लिए उससे औषधि का निर्माण किया जाता था।  

ताम्बे (कॉपर ) का उपयोग हमारे भारतवर्ष में सिंधु सभ्यता से भी पुराना है। और सिद्धू घाटी की सभ्यताके हड़पन संस्कृति कॉपर के  उपयोग का उत्तम उदहारण है। दोस्तों यह हड्डपा संस्कृति आज से ५००० साल पुरानी है। हड़प्पा संस्कृति में  ताम्र के औजारों , बरतन , सिक्के और मूर्तियां भी मिली है। इसके साथ साथ हमे यह भी पता लगता है की भारत में धातु विज्ञान का भी अविष्कार हुआ था। प्राचीन समय में ताम्बे का उपयोग चलनी सिक्कों के रूप में भी किया गया। ताम्बे के सिक्कों को मुद्रा के रूप में अर्थोपार्जन और वस्तु की खरीदी और बिक्री में भी किया गया। 
 SOURCE: GOOGLE SEARCH 

भारतीय संस्कृति के ऊपर आक्रमण कर जब मुग़ल , मोगल और अरबी शासन लागु हुए तब उन्होंने भी सुलतान राजाओं  ने अपने नाम से तांबे के मुद्राओं का प्रारब्ध किया था। इसे कर्रंसी के रूप में चलाया गया। 
SOURCE : GOOGLE SEARCH 
प्राचीन भारतीय राजव्यवस्था में जरुरी दस्तावेजों को  सँभालने  के लिए और राजाओं के घोसणापत्रों को भी ताम्रपत्र का उपयोग किया  था।  ताम्रपत्र को मंदिर या किसी ऊँचे  स्तम्भ पर अंकित किया जाता था। और कई जगहों पर उसे जमीन में गाड़ दिया जाता था। जिसे दस्तावेजों की गोपनीयता बनी  रहे। 
SOURCE : GOOGLE SEARCH


आज  नदिओं  में सिक्के डालने की परंपरा है  वह भी ताम्र (कॉपर ) के सिक्के से जुडी हुई है। ताम्र पानी को को शुद्ध करने  का कार्य करता है। इसलिए प्राचीन समय में लोग पूजा के दर्मियान सिक्कें को को नदी में फेंकते थे। 

दोस्तों नेक्स्ट  आर्टिकल में  हम ताम्र (कॉपर ) के उपयोग से होने वाले लाभ के बारे में जानेंगे। 

धन्यवाद। 
जय श्री कृष्णा। हर हर महादेव। 




No comments:

Post a Comment

Doing Hom-Havan Yajna In India ... Why???? What is the Science Behind Doing Yagnas And Havana ??

नमस्कार मित्रों।  SOURCE : GOOGLE  दोस्तों आप को बहोत बहोत धन्यवाद। आप इस तरह हमारे पोस्ट को पढ़ते रहिये और हमे नए आर्टिकल्स लिखने ...