नमस्कार दोस्तों।
जय श्री कृष्णा। हर हर महादेव।
दोस्तों हम धर्म और ताम्र से जुड़े विज्ञान के विषय पर बात कर रहे है। ताम्र ऐसी धातु है जो न केवल धर्म किन्तु विज्ञान और आयुर्वेद के साथ जुड़ा हुआ है। और आज तक हम इस प्रथा यह रीती को मानते आये है। आज हम ताम्र के आध्यात्मिक , वैज्ञानिक एवं आयुर्वेदिक उपचारों और वास्तुकला में उपयोग से होने वाले लाभों के बारेमें जानेंगे।
चलिए जानते है इसके स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभों एवं आयुर्वेदिक उपचारों के बारेमें। :
सेहत के लिए पानी अधिक पीना चाहिए यह एक अच्छी बात है। हमे हररोज अपने शरीर के वजन के हिसाब से पानी पीना चाहिए। सामान्यतः हमे दिन में १० से १२ प्याले पानी पीना चाहिए। यह सेहत के लिए अति लाभदायी है। और अगर सुबह उठने के तुरंत ही एक मिनट बाद १ से २ प्याले पानी पीना चाहिए। यह हमारे शरीर को आरोग्य प्रदान करता है। पानी हमेशा गर्म गुनगुना पानी ही पीना चाहिए।
किन्तु में आपसे बताना चाहूंगा की दोस्तों आप कोनसे पात्र में पानी पिए रहे उसका भी महत्त्व है। आयुर्वेद में कहा गया है की ताम्र के पात्र में पानी पीना अति लाभदायी है। इस पानी से कई रोग बिना दवाई लिए ही ठीक हो सकते है। इस पानी से शरीर से झहरिले तत्व और विषाणु बहार निकल जाते है। पानी को करीब ८ घंटे तक ताम्र के पात्र में रखना चाहिए। ताम्र के पात्र में रखा पानी अति लाभकारक है।
चलिए जानते है लाभों के बारे में ::
थाइरोइड को नियंत्रित करता है :
थाइरॉक्सिन हॉर्मोन्स के असंतुलन से थाइरोइड की बीमारी हो जाती है। थाइरोइड की बीमारी में वजन अचानक से बढ़ने या घटने लगता है , अधिक थकान महसूस होता है। ताम्र के पात्र में रखा पानी पिने से थाइरॉक्सिन हॉर्मोन्स में संतुलन होता है। इससे रोग में भी नियंत्रण आता है।
हमेशा रहेंगे जवान :
ज्यादा पानी पिने से शरीर में झुर्रियां नहीं आती। यह बात ठीक है किन्तु अगर आप ताम्र के पात्र में रखे जल का सेवन करेंगे तो चमड़ी में रहा ढीलापन दूर होता है। और त्वचा स्वस्थ रहती है। इससे त्वचामें कांति आती है। और आपकी ब्यूटी भी बढ़ जाती है।
गठिया के रोग में भी लाभ होता है :
गठिया और जोड़ो के दर्द में भी राहत मिलती है। ताम्र के पात्र में रखा पानी पिने से यूरिक एसिड में कमी आती है। जिससे गठिया एवं जोड़ो के दर्द में सूजन के कारण होने वाले दर्द में लाभ मिलता है।
ह्रदय को स्वस्थ रखता है :
ह्रदय की बीमारी और तनाव ग्रसित लोगों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। अगर आप ऐसी समयस्या से उलझ रहे है तो , आप रात को ताम्र के पात्र में पानी रखकर सुबह सूर्योदय पहले सेवन करले। इससे शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। जिस से हृदय की बीमारी दूर होती है।
धन्यवाद दोस्तों। आगे इसके अन्य लाभों के बारेमें जानेंगे।
जय श्री कृष्णा। जय हिन्द।
SOURCE: GOOGLE SEARCH |
चलिए जानते है लाभों के बारे में ::
थाइरोइड को नियंत्रित करता है :
थाइरॉक्सिन हॉर्मोन्स के असंतुलन से थाइरोइड की बीमारी हो जाती है। थाइरोइड की बीमारी में वजन अचानक से बढ़ने या घटने लगता है , अधिक थकान महसूस होता है। ताम्र के पात्र में रखा पानी पिने से थाइरॉक्सिन हॉर्मोन्स में संतुलन होता है। इससे रोग में भी नियंत्रण आता है।
हमेशा रहेंगे जवान :
ज्यादा पानी पिने से शरीर में झुर्रियां नहीं आती। यह बात ठीक है किन्तु अगर आप ताम्र के पात्र में रखे जल का सेवन करेंगे तो चमड़ी में रहा ढीलापन दूर होता है। और त्वचा स्वस्थ रहती है। इससे त्वचामें कांति आती है। और आपकी ब्यूटी भी बढ़ जाती है।
गठिया के रोग में भी लाभ होता है :
गठिया और जोड़ो के दर्द में भी राहत मिलती है। ताम्र के पात्र में रखा पानी पिने से यूरिक एसिड में कमी आती है। जिससे गठिया एवं जोड़ो के दर्द में सूजन के कारण होने वाले दर्द में लाभ मिलता है।
ह्रदय को स्वस्थ रखता है :
ह्रदय की बीमारी और तनाव ग्रसित लोगों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। अगर आप ऐसी समयस्या से उलझ रहे है तो , आप रात को ताम्र के पात्र में पानी रखकर सुबह सूर्योदय पहले सेवन करले। इससे शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। जिस से हृदय की बीमारी दूर होती है।
धन्यवाद दोस्तों। आगे इसके अन्य लाभों के बारेमें जानेंगे।
जय श्री कृष्णा। जय हिन्द।
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