Monday, 21 August 2017

Why Onion And Garlic Are Strictly Prohibited to eat In Hinduism ???

नमस्कार मित्रों।
जय श्री कृष्णा। हर हर महादेव।

आज बड़े दिनों बाद आपसे मुलाकात हो रही है। आपसे माफ़ी चाहता हु की इन दीनों में ज्यादा आर्टिकल्स पोस्ट नहीं कर पा रहा। कृपया क्षमा करें।

दोस्तों आज हम बात करने वाले है इस विषय पर , आखिर क्यों हिन्दु सनातन धर्म में अभक्ष्य चीजों का भक्षण ( खाने ) को मना किया गया है। क्यों उसे ग्रहण करने की अनुमति नहीं दी गई है।

ऐसी बहोत सी चीजें है जो अभक्ष्य है फिर भी लोग बड़े आराम से उसका सेवन करते है। हमारे सनातन धर्म में मदिरा , मांस , और सब्जिओं में प्याज़ और लहसुन का सेवन करने के लिए प्रतिबन्ध है। इसके कई कारण हमारे धर्म शास्त्रों में लिखे गए है। हमे समझाया गया है की उसे क्यों ग्रहण नहीं कर सकते।

आज सब लोग जानते हुए भी यह वर्ज्य चीजों का सेवन कर रहे है और इस  नासमझ के वजह से लोग कई बीमारियों से जुज रहे है।

दोस्तों हम जो चीज़ चाहे वह फल , फ़ूल और सब्ज़ी हो उन सब का एक स्वाभाव होता है , प्रकृति होती है। हम जैसा अन्न ग्रहण करते है वैसा ही हमारे तन ( शरीर ) पर उसका तुरंत असर होता है।

किसी पुराणी कहावत में कहा है " जैसा अन्न वैसा मन "

हम जिस प्रकार का अन्न ग्रहण करते उसके जैसा ही प्रभाव हमारे तन और मन पर पड़ता है। जैसे की सात्विक भोजन करने से सत्व गुण  हमारे मन को  प्रभावित करता है और हमारा मन के विचार भी सात्विक होते है।  हमारे कर्म भी सात्विक और पवित्र रहते है।

सात्विक भोजन जैसे की दूध , घी , आटा , चावल और हरी सब्जियों का सेवन सात्विक है , जो सत्व गुण का वहन हमारे अंदर प्रकट करते है।

रजोगुणी भोजन जैसे की बहोत ज्यादा तीख़े , मसाला युक्त भोजन , और मिठाइयाँ हमारे शरीर में रजोगुण का प्रवाह बढाती ही।

तमोगुणी भोजन जैसे की प्याज़ , लहसुन , मांस , मदिरा आदि का सेवन तमस गुण का प्रवाह बढाती है।  इसके प्रभाव से मनुष्य का तन और मन कई सारे दोषों और विकारों से युक्त रहता है। इसके साथ साथ वह कई मानसिक एवं शारीरिक रोगों का शिकार बनता है।

प्याज़ , लहसुन और मांस , मदिरा राक्षशी प्रकृति के पदार्थ है इसे भोजन में कभी भी ग्रहण नहीं करना चाहिए।  इसके सेवन से मनुष्य का जीवन काम , क्रोध , ईर्ष्या जैसे विकारों से भर जाता है। साथ साथ दुःख का भागी होता है।
DON'T EAT SOURCE : GOOGLE SEARCH


दोस्तों इन दिनों में यह अभोज्य चीजों का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए :



श्राद्ध पक्ष में लहसुन प्याज़ और मांस , मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इन दिनों पितरों का श्राद्ध , तर्पण किया जाता है। तर्पण से पितृ तृप्त होते है। जिससे हमारे घर में और कुटुंब में खुशियाँ और सुख बना रहता है। 



लहसुन और प्याज़ के सेवन का असर रक्त में रहने तक मन में काम वासनात्मक विकार उत्पन्न होते है। प्याज़ चबाने से और उसकी  गंध से हमारे  वीर्य की सघनता कम होती है और गतिमानता बढ़ती है। परिणाम स्वरुप वासना बढ़ती है। 


हमारे हिन्दू सनातन धर्म के वेद शास्त्रों में बताया गया है की प्याज , लहसुन जैसी सब्जियां और मांस का ग्रहण हमारे मन में उत्तेजना , जनून और अज्ञानता को बढ़ावा देकर अधाय्तम के मार्ग में भी बाधा उत्पन्न करती है। 


हुमारे यहाँ जैन , बौद्ध और स्वामिनाराय संप्रदाय में भी प्याज़ और लहसुन का ग्रहण नहीं किया जाता।  चीन में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायी इन सब्जियों को भोजन में ग्रहण करना पसंद नहीं करते। 



जापान के प्राचीन भोजन के व्यंजनों में प्याज और  लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता था। 



दोस्तों इस्लाम में भी प्याज और लहसुन का ग्रहण करके मस्जिद में आने पर रोक लगाया गया है। कुरान की इस आयत ( बुखारी :८५४, ८५५  ) में बताया गया है की प्याज और लहसुन का सेवन कर मस्जिद में न आये। 



जाबिर बिन अब्दुल्लाह रजि  कहते है की नबी सभी सल्ललाहु अलैहि वसल्ल्म ने फ़रमाया : जो आदमी इस पौधे यानि लहसुन या प्याज़ खाये वह हमारी मस्जिद में न आये। हमसे  दूर रहे। एक बार नबी अलैहि वसल्ल्म के पास सब्जियों से भरी हांड़ी लाई। उसमे कुछ गंध को पाया और पूछा वह क्या है? तब बताया और उस समय लहसुन और प्याज के बारे में यह बताया था। 



दोस्तों धन्यवाद। जय श्री कृष्ण।


DON'T EAT SOURCE : GOOGLE SEARCH

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