शुभ सांज ,
दोस्तों आपका प्यार हमे आपकी और खिंच लाता है। आप ऐसे ही हमारी इस ब्लॉग को पढ़कर हमारा होंसला बढ़ाते रहे। जैसेकि हमने आप से वादा किया है। पिछली दफ़े हमने महाभारत रामायण एवं हमारे हिन्दू शास्त्रों के बारे मै बड़ी चर्चा की। और हमने देखा की किस कदर हम अंग्रेजो के गुलाम हुए। इस दुःखदायी घटना के बारे मै हम विस्तार से जानेगे। बात है उन दिनों की जब भारत कई देशी रियासतों में बता हुआ था। यह अखंड राष्ट्र कई रजवाड़े और सल्तनत में घिरा हुआ था। पहले भारत पर मुघलो , मोंगलो एवं आरबो के आक्रमण हुए। वह भी इस भारत को लूटने एवं अपने इस्लाम धर्म के फैलावे के लिए ही आये थे। इस मुघल एवं इस्लामी सल्तनत के बारे मै भी किसी और दिन बड़ीचर्चा करेंगे , लेकिन आज हमे भारत कैसे अंग्रेजो का गुलाम हुआ इसके बारे मै विस्तार से बात करेंगे। बात है उन दिनों की जब बंगाल मै मिर्ज़ा मुहम्मद सिराज उद्दुल्लाह (कार्यकाल १७३३ -२ जुलाई १७५७ ) का शासन था। सिराज उदुल्लाह बंगाल मै राज करनेवाला अंतिम सुल्तान हुआ। उसके शासन के अंत के साथ ही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शाशन बंगाल एवं सारे दक्षिण एशिया पर लागू हुआ। सिराज २३ साल की उम्र मै उसके दादा अलीवर्दी खान ने अप्रैल १७५६ ने नवाब के रूप मै घोषित किया। नवाब के सेनापति मीर जाफर ने २३ जून १७५७ को प्लासी के युद्ध के दौरान अपने शस्त्र दाल दिए।पलासी (या पलाशि) की लड़ाई को व्यापक रूप से उपमहाद्वीप के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है, और अंतिम ब्रिटिश वर्चस्व के मार्ग पर खुलता है। सिराज-उद-दौलह की कलकत्ता की विजय के बाद, अंग्रेजों ने किले की वापसी के लिए मद्रास से ताजा सैनिक भेजे और हमले का बदला लिया। और नवाब के साथ धोखा किया। रॉबर्ट क्लाइव के तहत हमला कर दिया गया। और नवाब को परास्त कर दिया। बंगाल का प्रशाशन ईस्ट इंडिया कम्पनीके हाथों मै चला गया। बाद मै उस गद्दार मीर जाफर जिसके साथ ३०० यूरो देने और बंगाल के नवाब बनाने का वादा किया था। उसकी भी धोखे से अंग्रेज द्वारा हत्या कर दी गई। उस तरह ऐसी गन्दी कूट निति से अंग्रेजो ने अपने शाशन का विस्तार किया। अंग्रेजो का उदेश्य सिर्फ व्यापर करना और हम पर शाशन करना नहीं था। बल्कि हमारे देश मै रहे हिन्दुओ का धर्म परिवर्तन करवाना ही उनका सबसे नीच आशय था। किन्तु उनके शाशन के प्रथम चरण मै हिन्दुओं का इस तरह धर्म परिवर्तन करना बड़ा ही कठिन था। क्योकि हमारे हिन्दू अपने वेद , शास्त्रों मे पूर्ण विश्वाश एवं श्रद्धा रखते थे। आगे की पूरी कहानी हम विस्तार से जानेंगे की कैसे नुस्खे अपनाकर अंग्रेजो ने हम हिन्दुओ का धर्म परिवर्तन करवाया। और कैसे अत्याचार हम पे गुजारे। अपने इस दोस्त को रजामंदी दे। खुश रहे। जय हिन्द। जय भारत। जय श्री कृष्णा।
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