नमस्कार मित्रों ,
जय श्री कृष्णा। हर हर महादेव।
जैसाकि हमने आप से वादा किया था। आज हम उन लोगोंके के बारे मै जानेंगे जो हिन्दुधर्म से ताल्लुक़ात ना रखते हुए भी पुनर्जन्म मै मानते है। हिन्दू तत्वज्ञान को जिन्होंने सरआंखों पर रखा है। और उसमे विश्वास रखते है। वह कोई ऐसे चीला-चालू लोग नहीं है। बल्कि उनमेंसे कोई वैज्ञानिक है , तत्वचिंतक है , हॉवर्ड और ऑक्सफ़ोर्ड जैसी टॉप की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। यह लोग हिन्दू ना होने के बावजूद पुनर्जन्म मै विश्वास रखते है। यह सभी बाते मै नहीं बोल रहा लेकिन " विज्ञान अध्यात्म की ओर" यह पुस्तक मै ऐसे लोगों के निवेदनो और उनके पुनर्जन्म के विश्वाश को दर्शाया है। उनके निवेदनों को आपके सामने प्रस्तुत करता हु।
टोरंटो जनरल हॉस्प्टिटल के हार्ट स्पेशलिस्ट डिपार्टमेंट के चीफ डॉक्टर विल फेड , उन्होंने कहा की उनके हार्ट स्पेशलिस्ट के ३२ सालों के दीर्घ अनुभव के बाद वह कहते है की मुझे आत्मा के अस्तित्व के कोई संदेह नहीं है। और वह मानते है रहस्य उद्घटित करके आत्मा क्या है , वह जानने का समय हो गया है। आत्मा का स्वरुप क्या है वह जान लेनेकी जरूर है।
दूसरे बड़े ही महान डॉक्टर J. B. Rhine कहते है , विज्ञान वह नहीं बता सकता की मानव मन वास्तव मै क्या है और हमारे दिमाग़ के साथ किस प्रकार काम करता है। कोई भी वैज्ञानिक चेतना का उद्भव और उत्पति के बारे मै जानने का दम्भ भी नहीं कर सकता।
एक महान वैज्ञानिक जिनका नाम है थॉमस ऑस्टेली, कहते है की " मुझे यह साफ साफ प्रतीत होता है की पुरे विश्व मै तीसरी चीज़ एक चेतना है। और चेतना कोई उत्पन्न हुई विषयवस्तु नहीं है। किन्तु देह से पृथक एक चेतना है।
हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञान के प्रोफ़ेसर D P. GUPE उन्होंने सभी तारणों के साथ समझाया है की "कुदरत के नियमों के बारे हम ही जानते है ,और जीवन मै उसीसे पूर्णतः स्पष्टीकरण कर सकेंगे ऐसी पूर्ववत धारणा को अगर हम रुढिचुस्त होकर बने रहेंगे तोह हम हमारी जात को पूर्णतः अँधेरे मै धकेल देंगे। किन्तु अगर हम भारत के वैदिक परंपरा में समाविष्ट किये गए विचारों के प्रति खुला मन रखनेसे आधुनिक वैज्ञानिक उनके अपने अभ्यास के विषयों मै एक नए दृष्टिकोण के सन्दर्भ मै देख सकेंगे। और सारे वैज्ञानिक विज्ञान के विषय मै जो भी प्रयत्न कर रहे है , वह सत्य पुरवार होंगे।
दोस्तों आज हमने जाना की सिर्फ हिन्दू ही नहीं लेकिन विज्ञान एवं परधर्मी भी पुनर्जन्म के सिद्धांत को मानने मै विवश है। आत्मा का स्वरुप नित्य है। चेतन है। दोस्तों नेक्स्ट आर्टिकल मै हम देखेंगे की जो लोग भूतकाल मै पुनर्जन्म मै मानते थे , और परधर्मी यानि ख्रिस्ती संप्रदाय से थे। उनके ऊपर किस प्रकार अत्याचार गुजारा गया।
दोस्तों फिर नयी सोच -विचार के साथ मुलाक़ात होगी। धन्यवाद।
जय हिन्द। जय श्री कृष्णा।
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